हालात के क़दमों में कलंदर नहीं गिरता।
टूटे भी तारा पर ज़मी पर नहीं गिरता।
गिरता है समंदर में शौक से दरिया,
पर किसी दरिया में समंदर नहीं गिरता।
(मित्र राजेश साहनी द्वारा भेजा गया संदेश)
गुरुवार, 21 अगस्त 2008
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